राष्ट्र कवियत्री ःसुभद्रा कुमारी चौहान की रचनाएँ ःबिखरे मोती

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परिवर्तन (२) ठाकुर खेतसिंह बड़े भारी इलाक़ेदार थे, सोलह हज़ार सालाना सरकारी लगान देते थे। दरवाज़े पर हाथी झूमा करता । घोड़े, गाड़ी, मोटर, और भी न जाने क्या-क्या उनके पास ...

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